इस वीडियो में हमज़ा त्सोर्ट्सिस समझाते हैं कि इंसानों को ख़ुदा की इबादत क्यों करनी चाहिए, और यह भी विस्तार से बताते हैं कि क्या इस सवाल का जवाब देना ज़रूरी है या नहीं।
इस वीडियो में हमज़ा त्सोर्ट्सिस चर्चा करते हैं कि मन और चेतना की अवधारणा ईश्वर के अस्तित्व का एक मज़बूत सबूत है। वह इस तथ्य को रोशनी में लाते हैं कि विज्ञान के पास चेतना की अवधारणा के लिए कोई स्वीकार्य व्याख्या नहीं है।
इस वीडियो में उबैदुल्लाह इवाँस बताते हैं कि सहअस्तित्व (साथ-साथ रहना) पैग़म्बरी समाज के सामाजिक ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा था। वह यह भी रोशनी डालते हैं कि इस्लाम विविधताओं का जश्न मनाता है।
मक्का के मुश्रिकों ने पैग़म्बर मुहम्मद को जीवन की हर वो सुविधा देने की पेशकश की बशर्ते वह अपनी दावत बंद कर दें, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। यही पैग़म्बर मुहम्मद की सच्चाई की निशानी है।
ईश्वर सभी चीज़ों का रचनहार है। वह हर पल, हर किसी के लिए मौजूद है। जब आप उसे पुकारते हैं, तो आपको उसके अस्तित्व का अनुभव होता है। इस छोटे से वीडियो को देखिए जो ईश्वर के अस्तित्व के अनुभवात्मक वास्तविकता को समझाता है।
स्वैच्छिक उपवास कई धर्मों में पाया जाने वाला एक अभ्यास है; परंतु इस्लाम में उपवास एक अनिवार्य नियम है और यह इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है। यह संक्षिप्त वीडियो इस्लाम में उपवास की अवधारणा पर संक्षेप में चर्चा करता है।
यह वीडियो समझाता है कि प्रकृति के नियमों को बेहद सूक्ष्म और सटीक ढंग से इस तरह बनाया गया है कि वे एक रहने योग्य ब्रहांड का निर्माण कर सकें। इसलिए, ईश्वर का अस्तित्व है और ब्रहांड का एक कारण है।
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